मराठा आरक्षण की आग बेकाबू ,पुणे बंद ! महाराष्ट्र

मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की गई थी. महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी 32 फीसदी से अधिक है. इस समुदाय को प्रदेश सरकार ने नौकरी समेत कई क्षेत्रों में 16 फीसदी आरक्षण भी दिया था, लेकिन इसको सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इसी क्रम में आरक्षण के लिए प्रदेश के अलग-अलग मराठी समुदाय ने मनोज जारांगे की अगुआई में भूख हड़ताल शुरू की थी. आंदोलन के दौरान भीड़ ने हिंसक रुख अख्तियार कर लिया था. इसको तितर-बितर करने और हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया था.मराठा क्रांति मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि ट्रेडर्स, दुकानदारों पर बंद को थोपा नहीं गया है. पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ व्यापारियों, दुकानदारों और प्रतिष्ठानों ने एक दिन के बंद को समर्थन देने का फैसला किया है.
पुणे. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा पूरी तरह से गरमाया हुआ है. मराठा आरक्षण (Maratha Quota Protest) को लेकर उठी मांग धीरे-धीरे पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है. मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से अलग-अलग शहरों में बंद का ऐलान किया जा रहा है. कल्याण शहर के बाद अब पुणे (Pune Bandh) शहर में गुरुवार को बंद बुलाया गया है. इसके चलते आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है.
मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ता दुकानदारों और ऑटो-रिक्शा चालकों सहित अन्य सार्वजनिक सेवा प्रदाताओं से बंद का समर्थन करने की अपील भी कर रहे हैं. मोर्चा ने यह बंद पुणे के अलग-अलग इलाकों में बुलाया है. खासकर औंध, बानेर, बालेवाड़ी, बोपोडी, पाषाण, सोमेश्वर वाडी, सुतार वाडी, महालुंगे और सुस में बुलाया गया है.
बताते चलें कि इस महीने की शुरुआत में, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किये जा रहे आंदोलन ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक रूप ले लिया था. इस वजह से दर्जनों पुलिसकर्मी समेत कई लोग जख्मी भी हो गए थे. यह बंद भी हाल ही में पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ बुलाया गया है. इस बंद के बाद से पुणे के लोग परेशान हैं कि क्या खुला रहेगा और क्या बंद होगा? इस बंद की वजह से क्या-क्या प्रभावित होगा और बंद वाले इलाको में क्या खुला रहेगा, इसके बारे में विस्तार से जान लें.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मराठा क्रांति मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि ट्रेडर्स, दुकानदारों पर बंद को थोपा नहीं गया है. जैसा कि कुछ व्यापारी, दुकानदारों और प्रतिष्ठानों ने एक दिन के बंद को समर्थन देने का फैसला किया है.
इसके अलावा कुछ स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों ने भी बंद का समर्थन किया और इनको बंद रखने का निर्णय लिया है. लेकिन इसके लिए कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं अस्पताल और अन्य जरूरी सेवाएं पुणे बंद के दौरान प्रभावित नहीं हों, इसको सुनिश्चित करने का प्रयास भी किया जाएगा.
सार्वजनिक परिवहन सेवा जोकि पीएमपीएमएल द्वारा मुहैया कराई जाती है, वो सामान्य रूप से संचालित रहेंगी. वहीं ऑटो और टैक्सी एग्रीगेटर्स जैसे ओला और उबर आदि की सेवाएं सामान्य रूप से संचालित रहेंगी.
