जय हिंद वाला जय घोष चाहिए

जब सेना के शौर्य पर सवाल किया जाता है
जब भारतीय होकर जय हिंद कहने में गला रुंधने लगता है। तब कहती हूँ....
राष्ट्जागरण वाला स्वर चाहिए
रक्त को उबाल दे वो ज्वर चाहिए
सैन्य के पराक्रम को जोश चाहिए
जय हिंद वाला जय घोष चाहिए
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सुचिता से शौर्य को बढ़ाने के लिए
जा रहे जो शीश को चढ़ाने के लिए
रज कण भाल पे लगा के देखिए
राष्ट्प्रेम उर में जगा के देखिए
वाणी में कभी भी नही दोष चाहिए
कंठ में सदा ये उद् घोष चाहिए
सैन्य के पराक्रम को जोश चाहिए
जय हिंद वाला जयघोष चाहिए
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भिन्नता रिवाज परिवेश के लिए
धर्म जाति में बंधो ना देश के लिए
प्रेम से बड़ी तो कोई शक्ति है नहीं
राष्ट्भक्ति से बड़ी तो भक्ति है नहीं
घात रिपु करे प्रतिघात चाहिए
उग्रवादी नस्ल अब साफ चाहिए
हौसला जुनून और होश चाहिए
सुप्त को जगा सकें वो रोष चाहिए
सैन्य के पराक्रम को जोश चाहिए
जय हिंद वाला जय घोष चाहिए ।
@_वंदना
स्वरचित
अहमदाबाद
